लैंगिक जनन
लैंगिक जनन में नर से शुक्राणुओं कि तथा मादा से अण्डाणुओं कि आवश्यकता होती हैं जब शुक्राणु और अण्डाणु आपस में मादा के गर्भाशय में मिलते हैं तो यह नयी युग्मक का निर्माण होता हैं जो बाद में माँ कि गर्भ में विकसित होकर एक जीव का निर्माण कर लेता हैं |
जहाँ पर युग्मक सदेव अगुणित रहते हैं जिनका निर्माण अर्द्धसूत्री विभाजन के द्वारा होता हैं तथा अर्द्धसूत्री विभाजन व युग्मक संलयन लैगिंक जनन की आधारभुतआवश्यकता हैं| अर्द्ध
सूत्री विभाजन के द्वारा युग्मकों का निर्माण होता हैं तथा युग्मक संलयन के द्वारा द्विगुणित युग्मक का निर्माण करते हैं |
गतिशील युग्मक को नर युग्मक था भोजन के भंडार को मादा युग्मक कहते हैं ?
लैंगिकजनन के लिए निम्न क्रियाये सम्मिलित होती हैं :
इसमें दो प्राणी भाग लेते हैं |
इसमें युग्मकों का निर्माण होता हैं |
निषेचन के फलस्वरूपयुग्मक संलयन होता हैं |
समसूत्री विभाजन के साथ अर्द्ध सूत्री विभाजन होता हैं |
इसमें उत्पन्न संतति में आनुवांशिक लक्ष्ण पाए जाते हैं |
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